माफिया और ओम एरिस्टोन रियल्टी एलएलपी ने वसई पर कब्जा कर लिया Published By : संजीव पांडे भारत जनपक्ष न्यूज़ चैनल*
संजीव पांडे वसई : एक व्हिसलब्लोअर की चेतावनी वसई का पुनर्विकास संकट में है वसई, जो एक समय नियोजित विकास की उम्मीदों
वाला एक शांतिपूर्ण उपनगर था, अब गंभीर समस्याओं का सामना कर रहा है। माफिया समर्थित समूह और शक्तिशाली ओम एरिस्टोन रियल्टी एलएलपी पुनर्विकास प्रक्रिया पर कब्जा कर रहे हैं, जिससे हजारों निवासियों को जोखिम में डाल दिया गया है। वसई में कई हाउसिंग सोसायटी का पुनर्विकास होना है और सरकार ने इस क्षेत्र को शहरी विकास के लिए प्राथमिकता के रूप में चिह्नित किया है। हालॉक प्रगति को सलाहकार प्रभावशाली बिल्डर और राजनेता, भ्रष्ट अधिकारियों के शांत समर्थन से नियंत्रण पर कर रहे हैं। नियमों की अनदेखी वास्तविक मुद्दा पुनर्विकास के दौरान निलियों की सुरक्षा के लिए बनाए गए नियमों की पूर्ण उपेक्षा में निहित है। ऐसा लगता है कि सरकारी अधिकारी समिति सदस्य और बिल्डर सार्वजनिक
में हित को नजरअंदाज कर निजी लाभ के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। 3 जनवरी 2024को बनाए गए नियमों और जनता के हित में 2024 में उन्हें विस्तार से फिर से
जा रहा है और ये सोच के सभी सदस्यों से परामर्श किए बिन कुछ बिल्डरों के पक्ष में निर्णय ले रहे हैं। जय निवासी शिकायत करते हैं तो उनकी समस्याओं को किया गनाकर दिया है। अधिकारी कार्रवाई में देरी करते हैं. जिससे नियनियों को महंगी और उनका लगातार उल्लंघन किया जा रहा है। समिति के सदस्यों को व्यक्तिगत का दिया कानून लड़ाई में मजबूर होता है। यह जानकर की और कंपनी की कमर
की गई निति अधिक को बढ़ावा देती है, जिससे संपूर्ण पुनर्विकास प्रक्रिया को खतरा होता है। अगोदर सीएचएस मामला इसका एक स्पष्ट उदाहरण लैंडमार्क बिल्डिंग है। श्री अध्यक्ष महेंद्र चौधरी ,सचिव रेमंड डिमेलो ,
कोषाध्यक्ष डॉली वाडिया के नेतृत्व में प्रबंध समिति ने पुनर्विकास नियमों की अनदेखी वित्तीय स्थिति और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट (पीएमसी) से नकारात्मक प्रतिक्रिया के बावजूद एस्क्वायर बिल्डर्स एंड डेवलपर्स को ऐसा होता है प्रतीत कि समिति का चयन जानबूझकर किया गया था जो अधिकांश सदस्यों की इच्छाओं के
हालात को और बदतर बनाने के लिए एक सरकारी अधिकारी ने 79(ए) कार्यवाही के दौरान इस संदिग्ध निर्णय को मंजूरी दे दी भले ही यह अधिकारी अब प्रभारी नहीं था उप रजिस्ट्रार श्री शिंदे को की गई शिकायते अनल हो गई है, जिससे टी को अनुमति मिल सके।
Comments
Post a Comment