पीड़ित रामजी त्रिपाठी के मामले में सी.पी.सिंह व नीलम सिंह से भारत जनपक्ष न्यूज़ चैनल का सवाल....

 

 
Nalasopara East : पीड़ित रामजी त्रिपाठी के मामले में सी.पी.सिंह व नीलम सिंह से भारत जनपक्ष न्यूज़ चैनल का सवाल....


सी.पी.सिंह ने पोलीस यंत्रणा को गुमराह किया कि उसने नालासोपारा (प.) पोलीस स्टेशन में दिनांक 22/08/2010 को दिनांक 15/04/2008 का मूल दस्त व नोटराइज्ड मूल दस्त जमा किया है जबकि दिनांक 07/12/2010 को वह फर्जी बनावटी दस्त महावितरण कंपनी के उपकार्यकारी अभियंता के अनुसार उन्होंने मूलप्रत व सत्यप्रत देखा व जाँचा तो फिर झूठ कौन बोल रहा है महावितरण कंपनी या सी.पी.सिंह ?

दूसरी तरफ पुनः सी.पी.सिंह झूठ बोल रहा कि मैं सिर्फ  रजिस्टर्ड एग्रीमेंट को जानता हूँ बाकी अन्य दस्त नोटराइज्ड दस्त की जानकारी मुझे नहीं है और जब उसने फ्रँकिंग केवल एक ही दस्त पर कराया है तो बाकी अन्य दस्तों पर फ्रँकिंग कैसे दिखाई पड़ रहा है ? झूठ कौन बोल रहा है सी.पी.सिंह या नीलम सिंह ?

रजिस्टर्ड डोक्युमेंट के पृष्ठ क्रमांक 14,15,16 पर दो गवाहों का स्वाक्षरी है Non-Registered दस्त के भी पृष्ठ क्रमांक 14,15,16 पर भी दो गवाहों का स्वाक्षरी है यदि डॉक्यूमेंट एक ही बना है तो दूसरे बनावटी डॉक्यूमेंट पर अलग-अलग (Different) गवाहों ने स्वाक्षरी क्यों किया व कैसे किया ? झूठ कौन बोल रहा है सी.पी.सिंह और नीलम सिंह या दोनों गवाह झूठ बोल रहे है ?

जिस झेरॉक्स करारनामा पर SEO द्वारा तथा दूसरे प्रत पर नोटरी द्वारा सी.पी.सिंह ने सत्यप्रत कराया है वह दोनों फर्जी सत्यप्रत किसने नष्ट किया या कि नीलम सिंह ने ?

पति-पत्नी के बीच नवंबर 2009 में करारपत्र रजिस्टर्ड हुआ है परन्तु नवंबर 2025 तक पति ने पत्नी को ताबापावती क्यों नहीं दिया है ?

झूठ बोलने वाला सी.पी.सिंह पहले झूठ बोला कि मुझे ताबा मकान मालिक रामजी त्रिपाठी ने दिया है उसे झूठे सी.पी.सिंह ने अब यह बोलना चालू कर दिया है कि मुझे ताबा बिल्डर द्वारा मिला है | तो निश्चय ही बिल्डर द्वारा सी.पी.सिंह के पास बना हुआ करारनामा भी होगा तो सी.पी.सिंह ने वह ताबापावती तथा करारनामा क्यों नष्ट किया ?

फर्जी कागदपत्र तैयार करना/उस फर्जी कागदपत्र को उपयोग में लाना/उस फर्जी कागदपत्र को नष्ट करना इस प्रकरण में भारतीय न्याय संहिता की तमाम धाराओं के तहत गुन्हा क्यों न दर्ज किया जाए ? पोलीस यंत्रणा द्वारा सी.पी.सिंह व नीलम सिंह तथा झूठे गवाहों को क्यों बचाया जा रहा है इस बात की जानकारी के लिए भारत जनपक्ष न्यूज़ चैनल अवाहन कर रहा है |

~✍🏻 संजीव भागीरथी पाण्डेय

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