सी.पी.सिंह ने सारे दस्तावेज नष्ट क्यों किए ?
सी.पी.सिंह ने सारे दस्तावेज नष्ट क्यों किए ?
प्राप्त जानकारी के अनुसार दिनांक 06/02/2008 तथा दिनांक 10/04/2008 को जो फर्जी रसीदें सी.पी.सिंह द्वारा बनाई गई है उनकी छायांकित प्रत पर बनावटी सत्यप्रत SEO द्वारा किया गया है तथा दूसरी तरह की छायांकित प्रत पर नोटरी का फर्जी सत्यप्रत हुआ है जिस बनावटी रसीद का दो तरह से सत्यप्रत है उसका मूलप्रत तथा दोनों सत्यप्रत यह तीनों कागदपत्र पकड़े जाने के डर से सी.पी.सिंह ने नष्ट कर दिया है |
इसी तरह बनावटी कुलमुखत्यार पत्र तथा दो तरह की बनावटी ताबापावती भी सी.पी.सिंह ने पकड़े जाने के डर से नष्ट कर दिया है | सी.पी.सिंह ने झूठ बोला कि बिल्डर द्वारा ताबापावती मिला हुआ है यदि बिल्डर ने ताबापावती दिया है तो बिल्डर ने करारपत्र भी बनाया ही होगा |
बिल्डर द्वारा प्राप्त करारपत्र व बिल्डर द्वारा प्राप्त ताबापावती क्या इन दस्तावेजों को भी सी.पी.सिंह ने नष्ट कर दिया है ?
अचोले पोलीस ठाणे द्वारा इस मामले में सी.पी.सिंह को दो बार नोटिस भेजा गया किन्तु सी.पी.सिंह पुलिस ठाणे में उपस्थित नहीं हुए क्योंकि सच्चाई सी.पी.सिंह को मालूम पड़ गई है कि अब वह बुरी तरह से फस गए है |
कोई बात नहीं.....अंत में माननीय न्यायालय को तो सी.पी.सिंह को भी जवाब देना ही होगा |
शीघ्र ही रामजी त्रिपाठी व सी.पी.सिंह का विवाद खत्म होने वाला है क्योंकि भविष्य के आसार सभी लोगों को निष्पक्ष रूप से दिखाई पड़ने लगे है |
~✍🏻संजीव भागीरथी पाण्डेय
भारत जनपक्ष न्यूज़ चैनल
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